निक्कू के साथ वो हसीन पल बिताने के बाद उस हफ्ते में हमे ज्यादा टाइम तो मिला नहीं।
लेकिन बीच बीच में आकर निक्कू मेरी चूची दबा कर भागता या फिर चूतड़ों पर चमाट लगाकर!
मैं भी इसका आनंद लेती रही।
एक दिन मेरे पति और सास ससुर शहर से बाहर किसी शादी में जाने वाले थे।
उस दिन मैंने ठान लिया कि निक्कू की मेरा पति बनने की ख्वाहिश आज पूरी कर दूँ।
घर पर हम दोनों ही रह गए थे।
तो मैंने निक्कू को मार्केट भेजा और उतनी देर में बेडरूम को बिल्कुल सुहागरात की तरह सजाया।
साथ ही मैंने मेरी एक सहेली को बुला कर अपनी गांड पर मेंहदी लगवा ली।
कुछ देर सूखने तक मैं बेड पर उल्टी लेट गई।
मेरी गांड को मैंने अच्छे से सजाया।
अनीता की गांड
निक्कू को सुहागरात में मुझे अपनी गांड देनी थी। उसने अब तक मेरी गांड नहीं ली थी।
शाम होते ही निक्कू वापिस आया।
मैंने बेडरूम लॉक करके रखा और निक्कू को बोला- तेरे लिए सरप्राईज है।
खाना ख़ाकर मैं बेडरूम में गई।
दुल्हन के कपड़े पहने मैंने … और निक्कू को आवाज दी।
मैंने हरे रंग की चोली घागरा पहना था और एक घूंघट भी ओढ़ा हुआ था।
डिम लाइट में सजे धजे हुए मुझे और कमरे को देख निक्कू दंग रह गया।
मैं बिल्कुल दुल्हन बनी थी।
आते ही निक्कू मुझसे चिपक गया।
मैंने उसे भी तैयार किया, हमने खाना खाया.
और फिर क्या था … भानजे और मामी की सुहागरात का जश्न!
मैंने निक्कू को सेक्स पावर की गोली खिलाई।
और जब तक हम कमरे में गए और चुम्माचाटी करने लगे, गोली का असर होने लगा।
निक्कू जैसा भी था मेरे सामने बच्चा था।
वह जल्दी न झड़े … इसलिए मैंने उसे गोली दी।
बेडरूम में आते ही मैंने निक्कू को सिंदूर की डिब्बी दी और उसने मेरी मांग में सिंदूर भर दिया।
और हम पति पत्नी का खेल खेलने में लगे।
मैंने उसके पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
उसने भी मजे से आशीर्वाद देते हुए कहा- सदा चुदक्कड़ रहो, जिस लन्ड की चाहत हो, वो आपकी चूत में घुसे। लन्ड बाबा की कृपा आप पर बनी रहे।
यह सुनकर हम दोनों हंसने लगे।
मैंने फट से बोल दिया- आप आप क्या लगा रखा है मेरे पतिदेव? सीधा अन्नू बोलो। आज एक रात के लिए ही सही पर मैं आपकी बीवी हूं।
“ओके मेरी अन्नू जान! पर मेरे पापा की क्या हो फिर?”
निक्कू के इस सवाल से मैं सन्न रह गई।
“मतलब तुम्हें हमारे बारे में पता है?” मैं बोली।
“मैं ही क्या … पूरे गांव को पता है … तुम मेरे पापा की …!” उसने बात अधूरी छोड़ी.
फिर क्या था … मेरे स्वभाव के माफिक मैं अपने सेटिंग यानि चोदने वाले से बोल्ड होकर ही चुदवाती हूं।
तो मैंने कह दिया- रखैल हूं, रण्डी हूं तेरे पापा की! बस खुश मेरे मुंह से सुन कर?
“मुझे कोई दिक्कत नहीं है, आज तो अन्नू छीनार मेरी बीवी हैं बस!” निक्कू मामी की सील बोल पड़ा।
मैं उसकी इस बात से दंग रह गई- अच्छा? अब तक मामी मामी … और अभी छिनार?
“अभी तुम जैसी औरतों को लोग यही तो कहते हैं. लेकिन आज तू मेरी बीवी हैं, मुझे कोई प्रोब्लम नहीं है। तू कितनों से अपनी मरवा ले!” निक्कू पे अब गोली का असर होने लगा था।
“हां, यह ठीक है। मैं जो भी जैसी भी हूं, पर अब सुहागरात मनाते हैं चलो मेरे पति परमेश्वर!” मैंने कहते ही हंसते हुए उसका शर्ट और पैंट उतार दिया।
निक्कू ने भी एक पल भी जाया न करते हुए मुझे नंगी करना शुरू किया।
घागरा और चोली के साथ उसने मेरी चड्डी और ब्रा भी खोल दी।
लेकिन एक बात थी, उसने मेरे गहने नहीं उतारे।
मुझे ऐसे ही खड़ी रख उसने कमरे की सारी लाइट्स जलाई और मेरी फोटो खींचने लगा।
मैं तो मादरजात छीनार स्माइल करते हुए उसे पोज देने लगी।
हमने काफी सारे सेल्फी भी लिए।
लेकिन असली सरप्राइज़ तो मेरी गांड थी।
जब मैं घूमी और निक्कू को अपनी गांड दिखाई!
निक्कू तो दंग रह गया- ओह मेरी अन्नू जान, ये क्या है? गांड पे मेहंदी? आय हाय मैं तो कायल हो गया तेरा मेरी जान!
कहते हुए उसने मेरी गांड के पिक लिए और मुझे खड़े खड़े ही मेरी गांड में अपना मुंह डाल दिया।
मैंने अपनी गांड को सुहागरात के बेड से भी ज्यादा सजाया था; खुशबू वाले सेंट से नहलाया था।
मेरी गांड की खुशबू सूंघ कर तो निक्कू उन्माद पर आ गया।
निक्कू जीभ लगा कर मेरी गांड चाटने लगा और मेरे मेहंदी वाले बड़े बड़े चूतड़ों पर तबला बजाने लगा।
मैं मामी की सील सेक्स करती हुई भी सिसकारती हुई उसका आनंद लेने में लगी।
मैंने उसे उठाया और उसे लिप किस किया और उसके चड्डी में हाथ डाल कर उसका गर्म लन्ड सहला दिया।
मैं उसे चूसने ही जा रही थी कि निक्कू ने मुझे रोका- आज मैं तेरा पति हूं ना अन्नू , तो जैसा मैं चाहूंगा वैसा ही होगा।
उसने कहा।
मैंने उसे हाथ जोड़ कर कह दिया- जो आज्ञा मेरे पति परमेश्वर!
बिना गहने उतारे ही उसने मुझे बेड पर आड़ा लिटाया और खींच कर मेरी टांगें अपने कंधों पर ली।
वह नीचे ही खड़ा रहा।
हल्का सा मेरी गांड के छेद पर थूक लगा के उसने अपना लन्ड मेरी गान्ड में धकेलना शुरू किया।
मेरी गांड ने निक्कू के लन्ड का सुपारा थोड़ा सा अंदर ले लिया।
मगर उसका लन्ड गीला न होने से मेरी गांड की खाल छीलते हुए अंदर जाने लगा।
मुझे दर्द हुआ और मेरे आंसू निकल पड़े मामी की सील।
दांत से दांत बजाती और हाथ बेड पर पटकती हुई मैं अपनी गांड मरवाने में लगी।
हर शॉट से निक्कू का लौड़ा मेरी गांड में और अंदर घुस जाता।
मैं मेरी गांड हिला हिला कर निक्कू को मजा देने लगी।
और मेरे मजे के लिए मैंने अपने हाथ से अपनी क्लिट को सहलाना चालू किया।
गोली खाने से निक्कू एकदम जोश में आकर मेरी गांड का गुड़गांव बनाने में लगा हुआ था।
हम दोनों पसीने से लथपथ हो गए।
मगर उसका जोश जारी था।
मैं भी निक्कू को निराश नहीं करना चाहती थी तो उसकी आंखों में आंखें डालकर मैं उसे और अधिक उत्तेजित करने लगी।
इसी अवस्था में निक्कू मेरे ऊपर लेट गया।
उसके खून में आग लगी हुई थी।
गोली खाने से वो झड़ नहीं रहा था।
मेरे ऊपर गिर कर भी उसने मेरी गांड की खुदाई जारी रखी।
बिल्कुल अपने बाप की तरह वह गबरू मेरी गांड के चीथड़े उड़ाने लगा।
मैं उसके बालों को सहला रही थी और कुछ झटकों के साथ मेरा भानजा अपनी मामी की गांड में निहाल हो गया।
कराहते हुए निक्कू मेरी गांड में झड़ गया।
मैं भी शांत हो गई।
अब कमरे में सन्नाटा छा गया। मामी की सील
हम दोनों पूरी तरह से सन्तुष्ट होकर एक दूजे के होठों का रसपान करते रहे।
हम नंगे ही बिस्तर पर पड़े थे।
पसीने से हमारे दोनों के शरीर एक दूसरे से चिपक गए।
दोस्तो, सेक्स के बाद जो पसीना आता है, उसकी गंध आय हाय … क्या बात होती है।
पूरे कमरे में हमारे पसीने और मेरे इत्र की खुशबू महक रही थी।
थोड़ी देर आराम करने के बाद हम फिर से मूड में आ गए।
मैं हाथ बढ़ा कर निक्कू का लौड़ा पकड़कर उसे हिलाने लगी।
निक्कू मेरे दूध दबा दबा कर पीने लगा।
अब निक्कू नीचे खिसक गया और उसने मेरी चूत पर मुंह डाल दिया।
मेरी चूत में खुजली होने लगी।
निक्कू ने मेरी क्लिट को चाट कर मुझे बेचैन कर दिया।
अब मैं उसका सर अपनी चूत में दबा कर उसे अपनी चूत चाटने को कह रही थी।
इस सब के दौरान निक्कू मामी की सील तो एक बार मेरी गांड में झड़ चुका था.
मगर अब तक मेरी चूत का पानी नहीं निकला था।
निक्कू के चाटने से अब मेरा पानी निकलने वाला था।
मैं उफान पर थी, नीचे से गांड उठा उठा कर मैं निक्कू से अपनी चटवाने लगी।
साथ ही एक हाथ से चूत पर थपथपा कर मैं अपनी चरम सीमा पर पहुंच गई।
झटके देते हुए मेरा पानी निकल गया और मैं लगभग बेसुध होकर लेट गई।
इसी बीच निक्कू मामी की सील का लन्ड फिर से तन गया।
मैंने थोड़ा रुकने को कहा.
लेकिन ‘मेरी बीवी हैं न तू आज? तो आज जैसा मैं चाहूंगा वैसा ही होगा’ बोल कर उसने सीधा ऊपर होके मेरे मुंह में लौड़ा डाल दिया।
पीठ के बल लेटे लेटे ही वह मेरा मुंह चोदने लगा।
इस पोजीशन में ब्लोजॉब देने से मेरी आंखों से आंसू और मुंह से लार टपक रही थी।
निक्कू पूरा मेरे मुंह पर बैठा हुआ था और बिल्कुल मेरे हलक तक अपना लन्ड डाल मेरे मुंह का सत्यानाश करने पे तुला था।
अब सांस लेना भी मुश्किल होने लगा।
मेरी तकलीफ देख निक्कू उठ गया और मेरी सांस में सांस आ गई।
दूसरे ही पल निक्कू ने अपना लौड़ा मेरी चूत पर सेट किया और एक तेज झटके के साथ पूरा पेल दिया।
एक के बाद एक झटके देते हुए निक्कू मेरे बोबे दबा कर चोदता रहा।
मैंने अपनी टांगें उसकी टांगों में सेट कर ली।
उसे मैंने किस करना चाहा मगर उसने थप्पड़ लगाते हुए मुझे हटा दिया।
शायद उसका मन नहीं था क्योंकि मेरा मुंह अभी अभी उसने अपने लन्ड से चोद डाला था।
इस बार वो जल्दी नहीं झड़ा और 15 मिनट तक मुझे ठोकता रहा।
आखिर वो हांफते हुए तेज धक्कों के साथ मेरे चूत में फारिग हो गया और मेरे ऊपर ही लेट गया।
अब हम दोनों थक चुके थे।
और सेक्स के बाद हमारी आंख लग गई।
मेरे इस सुहागरात के गिफ्ट से निक्कू एकदम खुश हुआ।
लगभग दो महीने निक्कू हमारे घर पर रहा था।
जब भी हमें अवसर मिलता … हम सेक्स गेम खेलते।
घर का ऐसा कोई कोना नहीं रहा जहां हमने चुदाई नहीं की।
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